Home देश सुप्रीम कोर्ट: रेल टिकट धोखाधड़ी अर्थव्यवस्था को कर रही प्रभावित
Full-Size Image Full-size image

सुप्रीम कोर्ट: रेल टिकट धोखाधड़ी अर्थव्यवस्था को कर रही प्रभावित

by News Desk

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि भारतीय रेलवे हमारे देश के बुनियादी ढांचे का एक आधार है और टिकटिंग प्रणाली की शुचिता से खिलवाड़ करने के किसी भी प्रयास को हरहाल में रोका जाना चाहिए। जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ रेलवे टिकटिंग में धोखाधड़ी के आरोपित दो व्यक्तियों की दो अलग-अलग अपीलों पर सुनवाई कर रही थी।

रेलवे हमारे देश के बुनियादी ढांचे का आधार
पीठ ने कहा, ''भारतीय रेलवे हमारे देश के बुनियादी ढांचे का आधार है। यह सालाना लगभग 673 करोड़ यात्रियों को गंतव्य तक ले जाता है और देश की अर्थव्यवस्था में इसका जबरदस्त प्रभाव है। टिकटिंग प्रणाली की शुचिता को बाधित करने के किसी भी प्रयास को तुरंत रोका जाना चाहिए।''

यह अपील रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 143 की व्याख्या को लेकर थी, जिसमें रेलवे टिकटों की खरीद और आपूर्ति के अनधिकृत कारोबार के लिए जुर्माना लगाने का प्रविधान है।

ये है पहला मामला
पहली अपील में केरल हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें मैथ्यू के. चेरियन नामक व्यक्ति के खिलाफ अधिनियम की धारा 143 के तहत शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही को रद कर दिया गया था। चेरियन अधिकृत एजेंट नहीं है। उस पर लाभ के लिए रेलवे टिकट खरीदने और बेचने के लिए आइआरसीटीसी पोर्टल के साथ फर्जी यूजर आइडी बनाने का आरोप था।

दूसरा मामला
दूसरी अपील में, जे रमेश ने मद्रास हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें अधिनियम की धारा 143 के तहत उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रद करने से इनकार कर दिया गया था। रमेश एक अधिकृत एजेंट है। उस पर विभिन्न ग्राहकों को कई यूजर आइडी के माध्यम से बुक किए गए ई-टिकट की आपूर्ति करने का आरोप था।

You may also like