Home धर्म परसोन मंदिर: त्रेता युग से जुड़ा है मंदिर का इतिहास, बजरंगबलि के पद चिन्ह आज भी हैं मौजूद
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परसोन मंदिर: त्रेता युग से जुड़ा है मंदिर का इतिहास, बजरंगबलि के पद चिन्ह आज भी हैं मौजूद

by News Desk

फरीदाबाद का परसोन मंदिर, जो त्रेता युग से संबंधित माना जाता है, धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल है. अरावली की पहाड़ियों के बीच स्थित यह मंदिर न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि प्राकृतिक सुंदरता का भी अद्वितीय अनुभव कराता है. मान्यता है कि महर्षि पाराशर ने इसी स्थान पर तपस्या की थी, और उन्हीं के नाम पर इस मंदिर का नाम परसोन पड़ा.

हनुमान जी के चरण चिन्ह
मंदिर के महंत अमरदास जी ने बताया कि परसोन मंदिर का इतिहास त्रेता युग से जुड़ा है. महंत जी के अनुसार, जब भगवान हनुमान संजीवनी बूटी लेकर जा रहे थे, तो वे यहां महर्षि पाराशर से मिलने आए थे. हनुमान जी के चरण चिन्ह उस पवित्र शीला पर आज भी मौजूद हैं, जहां उन्होंने अपने चरण रखे थे. यह स्थान श्रद्धालुओं के लिए महाशक्ति स्थल बन चुका है, और लोग यहां आकर दिव्य ऊर्जा का अनुभव करते हैं.

श्रद्धालुओं का अनुभव
स्थानीय निवासी ललिता, जो फरीदाबाद से यहां आईं, ने बताया कि मैं इस मंदिर में दूसरी बार आई हूं, और हर बार यहां आकर मुझे असीम शांति और सुख का अनुभव होता है. यह स्थान मन को गहराई से सुकून प्रदान करता है. चंद्र भारद्वाज, जो अपने बचपन में बड़खल झील से पैदल चलकर यहां आते थे, ने कहा कि वर्षों पहले यह स्थान एक साधारण क्षेत्र था. लेकिन समय के साथ इस मंदिर का विस्तार हुआ, और अब यह एक भव्य धार्मिक स्थल बन चुका है. 30 साल बाद यहां आने पर उन्होंने देखा कि यह स्थान देशभर में प्रसिद्ध हो गया है, और दूर-दूर से श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं.

संतोष भाला, जो दर्शन के लिए आए थे, ने अपनी भावनाएं साझा कीं. उन्होंने कहा कि यहां आने से मुझे अद्भुत शांति और आध्यात्मिक सुख का अनुभव हुआ. यह स्थान मन को सुकून और आत्मा को दिव्यता प्रदान करता है.

धार्मिक और प्राकृतिक आकर्षण का संगम
परसोन मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह स्थान प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिकता का अद्वितीय संगम भी है. यहां का शांत वातावरण और ऐतिहासिक महत्व श्रद्धालुओं को बार-बार आने के लिए प्रेरित करता है. मंदिर के चारों ओर हरियाली और पहाड़ियों की पृष्ठभूमि इसे और भी आकर्षक बनाती है.

श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या
मंदिर के निरंतर विकास ने इसे श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख पर्यटन स्थल में बदल दिया है. अब यहां कई भव्य मंदिर और सुविधाएं उपलब्ध हैं, जो श्रद्धालुओं के अनुभव को और भी दिव्य बनाते हैं.

परसोन मंदिर
परसोन मंदिर आज भी त्रेता युग की गाथाओं को जीवंत बनाए हुए है. यह स्थान हर श्रद्धालु के लिए आध्यात्मिक और मानसिक शांति का केंद्र है. यहां की अद्वितीयता और आध्यात्मिक ऊर्जा इसे न केवल स्थानीय बल्कि देशभर के भक्तों के लिए एक पवित्र स्थल बनाती है.

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