Home धर्म 144 साल बाद महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर दुर्लभ संयोग, पितरों को करें प्रसन्न, इस उपाय से दूर होगा पितृदोष!
Full-Size Image Full-size image

144 साल बाद महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर दुर्लभ संयोग, पितरों को करें प्रसन्न, इस उपाय से दूर होगा पितृदोष!

by News Desk

29 जनवरी 2025 को मौनी अमावस्या है. यूं तो साल में 12 अमावस्या होती हैं, लेकिन माघ मास की इस अमावस्या का महत्व बेहद खास है. यह अमावस्या बेहद शुभ मानी गई है. खासकर पितृ दोष निवारण के लिए तो मौनी अमावस्या को उत्तम दिन माना गया है. वहीं, माघ महीने की अमावस्या इस बार बेहद खास है. महाकुंभ के 144 साल वाले संयोग से मौनी अमावस्या का महत्व बढ़ गया है. मौनी अमावस्या पर अगर विशेष उपाय करते हैं तो पितृ प्रसन्न होंगे और पितृ दोष से भी मुक्ति मिल जाएगी.

देवघर के पागल बाबा आश्रम स्थित मुद्गल ज्योतिष केंद्र के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने लोकल 18 को बताया कि इस साल माघ महीने की अमावस्या तिथि 29 जनवरी को है. अमृत मंथन के दौरान जो बूंदें चार जगहों पर गिरी थीं, वहां कुंभ लगता है. वहीं, प्रयागराज में महाकुंभ 2025 पर्व चल रहा है. महाकुंभ और मौनी अमावस्या का योग बेहद शुभ है. ऐसे मे इस दिन को पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए सबसे उत्तम दिन माना जा रहा है. ऐसे में गंगा आदि पवित्र नदियों के किनारे दोष निवारण जरूर कराएं.

अमावस्या के दिन क्या करें उपाय
कि माघ महीने की अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण अवश्य करें. पितरों का तर्पण करने का भी विधान होता है. माघ अमावस्या के दिन काला तिल, सफेद पुष्प और कुश लेकर अपने पिता, पितामह, परपितामह अतिवृद्ध पितामह साथ ही मातामह परमातामह और अतिवृद्धमातामह, गोत्र, अपना नाम लेकर तीन-तीन अंजलि से ‘तस्मे सुधा, तस्मे सुधा, तस्मे सुधा; ऐसा करके किसी नदी, तालाब किनारे तर्पण करते हैं तो पितृ बेहद प्रसन्न होते हैं. पितृदोष से मुक्ति मिल सकती है. घर में सुख-समृद्धि की वृद्धि हो सकती है. आप तर्पण विधि किसी जानकार द्वारा भी करा सकते हैं.

You may also like