Home राजनीती केंद्र में जल्द मोदी के साथ नजर आएंगे उद्धव ठाकरे-शरद पवार, पूर्व मंत्री के दावे से मची सियासी हलचल   
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केंद्र में जल्द मोदी के साथ नजर आएंगे उद्धव ठाकरे-शरद पवार, पूर्व मंत्री के दावे से मची सियासी हलचल   

by News Desk

मुंबई। बीते कुछ वर्षों के दौरान महाराष्ट्र में कई राजनीतिक समीकरण बदले हैं। आगे महाराष्ट्र की राजनीति में क्या होगा? यह कहा नहीं जा सकता। आलम यह है कि राज्य की राजनीति में हमेशा अनिश्चितता बनी रहती है और कब कौन पाला बदल लेगा यह अनुमान कर पाना भी मुश्किल रहता है। अब राज्य के पूर्व राज्यमंत्री बच्चू कडू ने एक बड़ा दावा किया है। उनके इस दावे से राजनीतिक हलकों में बहस छिड़ गई है। दरअसल बच्चू कडू ने दावा किया है कि देश में सबसे बड़ी राजनीतिक उथल-पुथल शरद पवार और उद्धव ठाकरे को लेकर होगी और शरद पवार और उद्धव ठाकरे जल्द ही केंद्र में भाजपा सरकार में शामिल होते नजर आएंगे। बच्चू कडू के इस दावे से राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। क्या राज्य की राजनीति और खासकर महाविकास अघाड़ी में कोई भूचाल आएगा? राजनीतिक हलकों में ऐसी चर्चाएं होने लगी है। बच्चू कडू ने आगे कहा कि जिस तरह से नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू ने एक-दो बिल पास कराने के लिए भाजपा के साथ बने रहे, भाजपा फिलहाल उनके जाने के बाद अपनी सुविधा देख रही है और शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और उद्धव ठाकरे की उभरती शिवसेना ही मुख्य भूमिका में हैं। क्योंकि, इन दोनों पार्टियों के सांसदों की संख्या को देखते हुए शिवसेना (ठाकरे) के सांसद संजय राउत का बयान यही दर्शाता है। बच्चू कडू ने यह भी कहा कि संजय राउत का प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि अब जब हम फिर से सत्ता में आ रहे हैं तो कोई भी पार्टी छोड़कर न जाए। बच्चू कडू ने भाजपा की भी कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा, फिलहाल भाजपा के लिए एकनाथ शिंदे और अजित पवार की जरूरत खत्म हो चुकी है और भाजपा की नीति मुगलिया है। बच्चू कडू ने भाजपा की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि भाजपा की नीति है कि जो भी उनसे दूर जाता है, उसे काट दिया जाता है।
बच्चू कडू ने कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे की भी आलोचना करते हुए कहा कि राज्य में जो सरकार आई है, वह भ्रष्ट रास्ते से आई है और अगर यहां के मंत्री खुलेआम भ्रष्टाचार की बात कर रहे हैं, तो उन्हें बधाई दी जानी चाहिए। एकनाथ शिंदे की नाराजगी के बारे में बात करते हुए बच्चू कडू ने यह भी दावा किया है कि जब बड़े नेता नाराज होते हैं, तो इसका मतलब है कि वे बहुत खुश हैं और जब वे बहुत खुश होते हैं, तो वे बहुत नाराज होते हैं।

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