Home राज्यछत्तीसगढ़ ओपी गांव के व्यक्ति होते हुए भी छत्तीसगढ़ी कहावत का अर्थ नहीं समझे: चणदास महंत
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ओपी गांव के व्यक्ति होते हुए भी छत्तीसगढ़ी कहावत का अर्थ नहीं समझे: चणदास महंत

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रायपुर

छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में वित्तमंत्री ओपी चौधरी के बयान का पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि ओपी गांव के व्यक्ति होते हुए भी छत्तीसगढ़ी कहावत का अर्थ नहीं समझे. इसके अलावा उन्होंने महतारी वंदन योजना और चुनाव के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी में बड़े बदलाव को लेकर भी बयान दिये हैं.

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने वित्त मंत्री ओपी चौधरी के बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि ओपी चौधरी गांव के व्यक्ति हैं पर छत्तीसगढ़ी कहावत का अर्थ नहीं समझे. मेरा बयान किसी को हराने के लिए नहीं था, मैंने उस पर माफी भी मांगी थी. मैं अब भी कहता हूं, मोदी जी के खिलाफ भूपेश बघेल मजबूती से लड़ सकते हैं. मेरे बयान को गलत ढंग से नहीं लिया जाना चाहिए.

महतारी वंदन योजना पर समीक्षा को लेकर साय सरकार पर कसा तंज
वहीं महतारी वंदन योजना पर समीक्षा को लेकर उन्होंने साय सरकार पर निशाना साधा है. डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि चुनाव निपटे चार दिन नहीं हुए हैं और समीक्षा की बात होने लगी. महतारी वंदन योजना को सरकार बंद करना चाहती है. इससे जो महिलाएं पैसे मिलने पर खुशी मना रही थीं, उन्हें दुख होगा. जो राशि महिलाओं के खाते में डाली गई वे किस मद की है, ये भी देखें.

पीसीसी चीफ बदले जाने को लेकर नेता प्रतिपक्ष का बयान
वहीं उन्होंने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बदलने की चर्चा को लेकर भी बयान दिया है. उन्होंने कहा कि दीपक बैज लोकसभा सीट छोड़कर कांग्रेस की सेवा में लगे थे. नौजवान होने के कारण हर क्षेत्र में उन्होंने दौरा किया. दीपक बैज ने आदिवासी क्षेत्रों में जाकर पार्टी के पक्ष में प्रचार किया. लोकसभा टिकट तो ले लिए और क्यों सजा देना चाहते हैं?

बता दें, दीपक बैज प्रदेश कांग्रस कमेटी के अध्यक्ष होने के साथ ही पूर्व में बस्तर लोकसभा सीट से सांसद भी थे. लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव में बस्तर से उनकी जगह कवासी लखमा को टिकट दी गई थी. हालांकि कवासी लखमा को चुनाव में भाजपा के महेश कश्यप ने मात दी. इसके चलते पीसीसी चीफ बदले जाने के सवाल पर दीपक बैज को लेकर डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि और क्यों सजा देना चाहते हैं.

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